वेदना, चीख, रक्त और बलिदान से सना जलियांवाला बाग की लौ बुझने न पाए
आश्विन शर्मा जलियांवाला बाग…वीभत्स, निर्मम ,ह्रदयविदारक हत्याकांड ! अंग्रेजी हुकूमत के दिए सदैव चुभने वाले दंशो में से एक । इस बाग की दीवारें मानो गोलियों से छलनी अपना वक्ष खोलकर दिखाती है और कह...