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काशी : 25 मार्च से खुद भूखे – प्यासे रहकर जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं अभाविप कार्यकर्ता

अभाविप काशी के प्रांत संगठन मंत्री विजय प्रताप बताते हैं कि काशी महानगर- 24 मार्च से लगातार लॉकडाउन के दौरान “सेवा ही जीवन है” इस भाव को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं की टोली सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुद भूखे प्यासे रहते हुए काशी महानगर में एक योद्धा की भांति कार्य कर रही है। विद्यार्थी परिषद के ऐसे कर्मवीर को कभी-कभी पुलिसकर्मियों को भी सफाई देनी पड़ती है।
अजीत कुमार सिंह

काशी। कोरोना रूपी वैश्विक महामारी ने जहां बड़े – बड़े देशों की कमर तोड़ी दी है वहीं भारत आज भी डटकर मुकाबला करते नजर आ रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण है यहां का सेवा भाव। कहा जाता है कि भारतीय संस्कृति के मूल में सेवा और समर्पण बसा हुआ है और इसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने चरितार्थ कर दिखाया है। भगवान शिव की नगरी काशी अर्थात बनारस में लॉकडाउन के प्रथम दिन से अभाविप के कार्यकर्ता निःस्वार्थ भाव से जरूरंतमंदों को सहायता कर रह रहें हैं। अभाविप काशी के प्रांत संगठन मंत्री विजय प्रताप बताते हैं कि काशी महानगर- 24 मार्च से लगातार लॉकडाउन के दौरान “सेवा ही जीवन है” इस भाव को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं की टोली सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुद भूखे प्यासे रहते हुए काशी महानगर में एक योद्धा की भांति कार्य कर रही है। विद्यार्थी परिषद के ऐसे कर्मवीर को कभी-कभी पुलिसकर्मियों को भी सफाई देनी पड़ती है। इन अभाविप के कार्यकर्ताओं से आजकल समाज के हर वर्ग की अपेक्षाएं बढ़ने लगी कोई इनको दवा के लिए तो कोई राशन के लिए दिन-रात फोन करके इनसे मदद की अपेक्षा रखता है और परिषद का करोना योद्धा हर समय उनकी मदद के लिए तैयार भी रहते हैं। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के लिए समाज, सरकार और विभिन्न संगठन सभी लगे हैं किंतु जो मध्यमवर्गीय परिवार है वह संकोच वर्ष किसी से कुछ कह नहीं पाते। वास्तव में आज उनकी भी मदद  करने की आवश्यकता है।

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अभाविप काशी के द्वारा मंगलवार को मच्छोदरी क्षेत्र में राशन, सेनिटाइजर, साड़ी इत्यादि का वितरण किया गया। अभाविप के प्रदेश सह मंत्री शुभम कुमार कहते हैं कि लॉकडाउन 3.0 में हमारा लक्ष्य गरीब परिवारों के साथ – साथ उन मध्यमवर्गीय परिवार को भी राहत पहुंचाना है जो झिझकवश कुछ कह नहीं पाते लेकिन बेबशी की आंसू बहा रहे हैं। अभाविप ने इस दिशा में पहल करना शुरू भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि परिषद का लक्ष्य कम – से – कम पांच हजार परिवारों को राहत पहुंचाने का है। विद्यार्थी परिषद ने उन सभी छात्र छात्राओं से आवाहन भी किया है कि जो इस समय अपने अपने घरों को जाना चाहते हैं। विद्यार्थी परिषद ने प्रशासन से बात कर उन्हें घर पहुंचाने की भी जिम्मेदारी ली है तथा हेल्पलाइन नंबर जारी कर उनसे सभी हॉस्टल, लाज इत्यादि में रहने वाले छात्रों से संपर्क कर सूची बनाई जा रही है। इस दौरान विजय प्रताप, शुभम कुमार सेठ, अमित पटेल, अभिषेक मिश्रा, शशिकांत यादव, हरिदयाल गुप्ता आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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