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काशी : विद्यार्थी परिषद ने निकाला कैंडल मार्च, निकिता को जल्दी न्याय देने की उठायी मांग

छात्रशक्ति डेस्क

काशी। फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में सोमवार को परीक्षा देकर लौट रही बीकॉम तृतीय वर्ष की छात्रा 21 वर्षीय निकिता की गोली मारकर हत्या की गई थी, जिसके बाद से ही देश भर में निकिता के हत्यारे के खिलाफ आक्रोश उत्पन्न हो गया। हत्या का आरोप रोप नूह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के चचेरे भाई तौसिफ पर  है। दरअसल, तौसीफ निकिता से शादी करना चाहता था। इसलिए वह कॉलेज के बाहर निकिता को ले जाने के लिए उसका इंतजार कर रहा था। जैसे ही निकिता कॉलेज से बाहर आई, तौसीफ उसे जबरन कार में बिठाने लगा लेकिन निकिता ने इंकार करते हुए विरोध किया तो तौसीफ ने उसे गोली मार दी। इस दौरान रेहान कार के अंदर बैठा हुआ था। इस घटना के बाद दोनों वहां से भाग निकले थे हालांकि बाद में पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। इस मामले की देश भर में घोर निंदा हुई।

निकिता की न्याय के लिए कैंडल मार्च निकालते अभाविप कार्यकर्ता
निकिता की न्याय के लिए कैंडल मार्च निकालते अभाविप कार्यकर्ता

रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी महानगर के कार्यकर्ताओं ने विद्यापीठ से मलदहिया चौराहे तक कैंडल मार्च निकाला कर अपना विरोध दर्ज करवाया और फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से तुरंत ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो भविष्य में ऐसे मामलों पर रोक भी लगाए और नजीर बन सके। सरकार ने कड़े कानून बना रखे है लेकिन उन कानूनों द्वारा न्याय इतना देर से मिलता है कि वो न्याय नही रह जाता। ऐसा न्याय किस काम का जो कल के अपराधों को रोक ना पाए। ज्ञात हो कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बीते एक हफ्ते से ही देश भर में अलग अलग माध्यमो से अपना विरोध दर्ज कर रही है और सरकार और मुख्य न्यायाधीश से यह मांग भी करती है कि ऐसे मामलों में तुरंत न्याय कर अपराधी को फाँसी देनी चाहिए जिससे यह समाज और बहने सुरक्षित रह सके।इसी क्रम में काशी की 150 से अधिक छात्रा कार्यकर्ताओ ने #justicefornikita हैशटैग के साथ अपना विरोध दर्ज कराया। अभी तक 200 से अधिक छात्राओ ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख इस मामले में कठोरतम दंड की उनसे मांग की है।

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महानगर अध्यक्ष संजय सिंह गौतम ने बताया कि “ऐसे दरिंदो की सजा मौत के सिवाय कुछ भी नही। उसने एक होनहार बेटी की जान ली है, वह बेटी जो भविष्य में सेना में जाना चाहती थी। सामने एक दरिंदा है जिसे कुछ भी नहीं आता ऐसे लोगो की देश को आवश्यकता नही है इन्हें तो तुरंत फांसी देनी चाहिए। फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बने और न्याय समय से मिले वही हमारी मांग गई।

महानगर सहमंत्री हर्षिता गुप्ता ने बताया कि “दरिंदो के लिए समाज मे कोई स्थान नही है। इन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। हम लड़कियों का भी अपना जीवन है।हम किसी को भी हां क्यों कहे.?आज निकिता की जान गई है कल किसी की भी जा सकती है इसलिए मैं सरकार से मांग करती हूं कि ऐसी घटनाओं पर त्वरित न्याय की व्यवस्ता की जाए।

विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से शुभम सेठ(प्रदेश सहमंत्री,काशी प्रान्त)प्रवीण शुक्ला (विभाग संयोजक) संजय सिंह,प्रभात उपाध्याय,डॉ.ऊर्जस्विता सिंह,सौरभ सोनकर,हर्षिता गुप्ता,गौरव मालवीय,शशि शेखर,सुधांशु यादव,अंकित सिंह,अभय सिंह,आनंद मौर्य,अभय प्रताप सिंह,पायल राय,प्रशांत पांडेय,गोपी किशन,शिवांश मिश्रा,वैष्णवी, अश्वनी जैसवाल, मनीष यादव,,गौरव राय,कुंदन मिश्रा,डॉ सिद्धार्थ सिंह,डॉ नीलम सिंह,अखिलेश श्रीवास्तव,विपुल सेठ,संदीप सोनकर,मनोज कुमार,शिवांगी यादव ,यश दुबे,अरविंद विश्वकर्मा,शिवांग मिश्रा,हर्ष सिंह,दीक्षा चौबे,ॐ दुबे,शानू चक्रवाल, मनीष आदि 50 से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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