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निराश्रित एवं दिव्यांगों के लिए समर्पित महाराष्ट्र के नंदकुमार पालवे को यशंवतराव केलकर युवा पुरस्कार

नंदकुमार पालवे को निराश्रितों और मानसिक रूप से दिव्यांगों को पोषण, स्वास्थ्य सेवा एवं स्नेह देकर उनका सम्मानजनक पुनर्वसन करने के सराहनीय कार्य हेतु प्रतिष्ठित ‘प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 68 वें राष्ट्रीय अधिवेशन, जयपुर में दिया जाएगा। नंदकुमार द्वारा महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के पलसखेड सपकाल गाँव में ‘सेवा संकल्प प्रतिष्ठान’ जिसका उद्देश्य ही ‘चला जरा वेगळं जगूया ..!’ अर्थात ‘चलो थोड़ा हटके जिया जाए…!’ के माध्यम से यह अद्वितीय कार्य किया जाता है।

निराश्रित एवं दिव्यांगो के लिए समर्पित बुलढाणा, महाराष्ट्र निवासी नंदकुमार पालवे को इस वर्ष के प्रतिष्ठित ‘प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार’ के लिए चयन किया गया है । चयन समिति ने निराश्रितों और मानसिक रूप से दिव्यांगों को पोषण, स्वास्थ्य सेवा एवं स्नेह देकर उनका सम्मानजनक पुनर्वसन करने के सराहनीय कार्य हेतु उन्हें यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के पलसखेड सपकाल गाँव में ‘सेवा संकल्प प्रतिष्ठान’ जिसका उद्देश्य ही ‘चला जरा वेगळं जगूया ..!’ अर्थात ‘चलो थोड़ा हटके जिया जाए…!’ के माध्यम से यह अद्वितीय कार्य किया जाता है। जयपुर में होने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन (25-27 नवम्बर) में उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।

अभाविप और विद्यार्थी निधि न्यास द्वारा वर्ष 1991 से दिया जाता है यशवंतराव केलकर पुरस्कार

यह पुरस्कार वर्ष 1991 से अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. यशवंतराव केलकर की स्मृति में दिया जाता है, जिन्हें संगठन का शिल्पकार कहा जाता है और संगठन विस्तार में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है। यह पुरस्कार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विद्यार्थी निधि न्यास की एक संयुक्त पहल है, जो छात्रों की उन्नति एवं शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। पुरस्कार का उद्देश्य युवा सामाजिक उद्यमियों के काम को उजागर करना, उन्हें प्रोत्साहित करना और ऐसे सामाजिक उद्यमियों के प्रति युवाओं का आभार व्यक्त करना तथा युवा भारतीयों को सेवा कार्य के लिए प्रेरित करना है। इस पुरस्कार में ₹ 1,00,000/- की राशि, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह समाविष्ट हैं।

निराश्रित, दिव्यांग और बेसहारा लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है सेवा संकल्प प्रतिष्ठान

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निराश्रित, मानसिक रूप से दिव्यांग व बेसहारा लोगों के लिए सेवा संकल्प प्रतिष्ठान वरदान स्वरूप है है। जानकारी के मुताबिक बेसहारा, बेघर, मनोरुग्ण, दिव्यांग, वृद्ध, एचआईवी बाधित रुग्ण, लालबत्ती क्षेत्र के बालक को, “सेवा संकल्प प्रतिष्ठान” के केंद्र पर लाया जाता है। उनका उपचार, संभाल, मार्गदर्शन एवं पुनर्वसन का कार्य चल रहा है। पोषण – स्वास्थ्य -स्नेह इस त्रिसूत्री से यह कार्य चल रहा है। आज तक 105 व्यक्तियों को ठीक करके उन्हें उनके परिवारजनों से वापस मिलाया गया है। सेवा संकल्प प्रतिष्ठान के प्रकल्प पर लगभग 200 मनोरुग्ण, बेघर, एचआईवी बाधित रुग्ण, माता भगिनी निवासी हैं और सभी प्रकार की सेवा ले रहे हैं। जिन्हें अपने परिवार वालों ने रास्ते पर छोड़ दिया, जिन्हें मानवता से वंचित किया गया उन्हें नया सहारा श्री नंदकुमार जी के कार्य से मिल रहा है।

सेवा संकल्प प्रतिष्ठान के माध्यम से पिछले पांच सालों में अनेकों निराश्रित मृतकों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं नंदकुमार

‘सेवा संकल्प प्रतिष्ठान’ वंचितों के आत्मीय सेवा एवं संभाल के लिए एक आश्रय स्थल बन चुका है। उन्हें माँ के स्पर्श से, आध्यात्मिक एवं सौहार्द पूर्वक सेवा की ऊर्जा से कष्ट मुक्त कराने का यह एक प्रयास है। गत पांच वर्षों से निराश्रित स्थिति में मिले मृत देह तथा जिला सामान्य अस्पताल के अनेक निराश्रित मृत देह का विधिवत अंतिम संस्कार करने का कार्य भी नंदकुमार पालवे और उनके सहयोगियों ने किया है। उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता, भोजन की व्यवस्था, स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था भी की जा रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो छगनभाई पटेल, राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने पुरस्कार विजेता को बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना की है।

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