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पुणे: अभाविप एनईसी बैठक के नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी जी के जीवन पर आधारित महानाट्य ‘जाणता राजा’ का मंचन

अजीत कुमार सिंह

25 मई से पुणे स्थित ‘महर्षि कर्वे स्त्री शिक्षण संस्था’ में चल रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद् बैठक के अंतर्गत शुक्रवार 26 मई को शुभारंभ लॉन में ‘नागरिक अभिनंदन समारोह’ का आयोजन हुआ। समारोह में शिवाजी के छत्रपति बनने की भव्य गाथा को जाणता राजा महानाट्य के जरिए दर्शाया गया। यह महानाट्य स्वर्गीय बाबा साहब पुरंदरे ने लिखा है।

रिकॉर्डेड संवाद के साथ कलाकारों ने मंच पर प्रवेश किया। शानदार सजावट, भव्य लाइट शो एवं जानदार संवाद के साथ कलाकार दर्शकों को 350 साल पीछे ले जाती है। महानाट्य में जब शिवाजी का राज्याभिषेक किया गया, ढोल, नगाड़े के संगीत और स्थल पर किए गए आतिशबाजी के देख लग रहा था मानों! शिवाजी युग में प्रवेश कर चुके हों।

छत्रपति शिवाजी महाराज के कीर्तिमान उनके शौर्य की गाथा महानाट्य के स्वरूप में देख विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता सहित उपस्थित पुणेवासी अभिभूत हो उठे और समारोह स्थल जय भवानी-जय शिवाजी नारे से गूंज उठा। इस महानाट्य में शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को भी उजागर किया गया।

सात नदियों के पवित्र जल से शिवाजी किया गया था राज्याभिषेक

शिवाजी का छह जून 1674 को सात नदियों यमुना, सिंधु, गंगा के पवित्र जल से राज्याभिषेक किया गया था,जिसमें गोदावरी, नर्मदा, कृष्ण और कावेरी से शिवाजी के सिर पर डालते हुए और वैदिक राज्याभिषेक मंत्रों का जाप करते हुए किया गया था।रायगढ़ में जब उनका राज्याभिषेक हुआ, तब उन्हें छत्रपति की उपाधि भी दी गई थी।

शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही राजनीति और युद्ध की शिक्षा ली थी, इसलिए उन्होंने दुनिया के महान योद्धाओं में से एक माना जाता है। शिवाजी महाराज ने बहुत कम आयु में ही टोरना किले पर कब्जा कर अपनी प्रतिभा और युद्धकौशल का परिचय दे दिया था और इसके बाद तो उन्होंने कई इलाकों को मुगलों से भी छीन लिया था

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