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छः साल पुराने फोटो को वर्तमान बताकर कर बुरी फंसी एनएसयूआई, एबीवीपी ने घेरा

छात्रशक्ति डेस्क

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 22 सितंबर यानी कल है, चुनाव के एक दिन पहले कांग्रेस की छात्रा इकाई एनएसयूआई ने छः साल पुराने फोटो को वर्तमान छात्र संघ चुनाव के हिंसा के साथ जोड़कर एक्स(पुराना ट्वीटर) पर पोस्ट कर पर बुरी तरह फंस गई है। एनएसयूआई के ऑफिसियल एक्स हैंडल से आज 3:49 PM पर एक पोस्ट किया गया, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंसा के लिए एबीवीपी को जिम्मेवार ठहराने की कोशिश की लेकिन एनएसयूआई के लिए यही पोस्ट गले की फांस बन गई और बुरी तरह ट्रोल हो गई।

अभाविप की पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने पोस्ट का रिप्लाई करते हुए लिखा कि ये चित्र 2017 का है । इसमें मारने वाला तत्कालीन एसएफआई का अध्यक्ष प्रशांत मुखर्जी है जो रामजस महाविद्यालय के विद्यार्थियों को इसलिए मारा रहा था क्योंकि वे देशविरोधी नारों का विरोध कर रहे थे। एनएसयूआई के इंचार्ज बने कामरेड आका को पता चलेगा तो आईटी सेल की नौकरी भी चली जाएगी। एबीवीपी ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया फर्जी खबरों की फैक्ट्री एनएसयूआई का झूठ एक बार फिर पकड़ा गया। यह फोटो 2017 का है जिसमें एसएफआई का तत्कालीन अध्यक्ष प्रशांत मुखर्जी रामजस महाविद्यालय में विद्यार्थियों की पिटाई कर रहा था। एनएसयूआई कभी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के हितों के लिए आवाज उठाई होती तो आज छात्रसंघ चुनाव के दौरान फर्जी खबरें फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र परिपक्व और जागरूक है, एनएसयूआई की ऐसी घटिया हरकतों का जवाब कल होने वाले छात्र संघ चुनाव में अपने वोट से अवश्य देगा।

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अंकित शुक्ला नामक एक यूजर ने जवाब देते हुए लिखा कि लगता है एनएसयूआई वालों कि फ$% # रही है तभी फर्जी खबर तक फैलाने पर उतारू हो गई अबकी बार तो गयो बेटा। वहीं अन्य यूजर ने भी 2017 के पुराने न्यूज क्लिप के स्क्रीनशॉट को लगाकर एनएसयूआई पर कटाक्ष किया।

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