जेएनयू की जनवरी 2020 की हिंसा में छिपा है वामपंथ का असली चेहरा
जेएनयू में 3 से 5 जनवरी ,2020 के बीच घटित हिंसा एक सोची समझी साज़िश थी। वामपंथ जहां कहीं भी सत्ता में रहता है वहां लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाते हुए अधिनायकवादी तथा तानाशाही रवैए अपना लेता है। जेएनयू के...
जेएनयू पर नक्सली हमला था, जिसकी पटकथा 28 अक्टूबर को ही लिख दी गई थी : निधि
जेएनयू हिंसा पर अभाविप ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि जेएनयू के शिक्षक हमें धमकाते हैं। परिषद के मुताबिक जो व्हाट्सएप ग्रुप और चैट वायरल किया रहा है उसकी जांच होनी चाहिए। उस ग्रुप के सभी न...