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#65ABVPConf : आशीष चौहान को अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री का दायित्व

आगरा में चल रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 65 वें राष्ट्रीय अधिवेशन का सोमवार को समापन हो गया। अधिवेशन के अंतिम दिन व्यवस्था परिचय के बाद अभाविप अध्यक्ष डॉ. एस. सुबैय्या ने पुरानी समिति को भंग कर नये कार्यसमिति की घोषणा की। घोषणा के मुताबिक अभाविप के नये संगठन मंत्री का दायित्व तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान को दिया गया है । चौहान, सुनील आंबेकर का स्थान लेगें । अभाविप के निवर्तमान राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर और सह संगठन मंत्री के. एन. रघुनंदन संघ की योजना से कार्य करेंगे ।

सुनील आंबेकर और के. एन. रघुनंदन के विद्यार्थी परिषद् के कार्य मुक्त होने की घोषणा रा.स्व.संघ के सह-सरकार्यवाह मुंकुंद जी ने की। घोषणा के पूर्व मुकुंद जी ने रामायण के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा जब दानवों का अत्याचार बढ़ गया था तब महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ और अयोध्यावासियों के पास जाकर कहा कि मैं राम और लक्ष्मण को लेने आया हूं ।  धर्म की रक्षा और मानवता के लिए इनकी जरूरत है, आशा करता हूं कि आपलोग मना नहीं करेंगे । महर्षि विश्वामित्र की मांग को राजा दशरथ व अयोध्यावासियों ने स्वीकार कर  राम – लक्ष्मण को महर्षि विश्वामित्र को सौंप दिया । आज विद्यार्थी परिषद् में राम – लक्ष्मण के जोड़ी की तरह समझे जाने वाले सुनील जी और रघु जी को राष्ट्र के लिए अन्य योजना में कार्य की जरूरत है । सरकार्यवाह जी इस बात को सुनकर कुछ क्षण के लिए पूरे पंडाल में सन्नाटा छा गया। भावनाओं का ज्वार आंसू बनकर कार्यकर्ताओं के आंखो से निकलने लगा ।

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घोषणा के बाद अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुबैय्या ने अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर एवं सह-संगठन मंत्री के. एन. रघुनंदन को श्रीफल देकर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया । वहीं अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलिंद मराठे ने अपना मनोगत रखते हुए कहा कि सुनील जी और रघु जी के बिना विद्यार्थी परिषद् की कल्पना कैसे की जा सकती है लेकिन परिवर्तन संसार का नियम है । संगठन की मर्यादा है हमें इसे स्वीकार करना होगा । उन्होंने कहा कि संगठन में रिक्तता की पूर्ति पानी की तरह होती है, जिस प्रकार पानी अपनी रिक्तता चारो तरफ से मिलकर तुरंत पूरा कर लेती है वैसे ही संगठन में होता है, लेकिन मुझे इस बार लगता है पानी की रिक्तता भी कुछ समय के लिए पूरा नहीं हो पायेगा। मैं छात्र जीवन में था तब मा. मदनदास जी परिषद रूपी वृक्ष को सिंच रहे थे उनके बाद दत्ता जी ने उसे आगे बढ़ाया और सुनील जी और रघु जी ने इसे व्याप रूप दिया । इस जोड़ी के साथ संगठन का प्रत्येक कार्यकर्ता खुद से जुड़ा हुआ महसूस करता है। आशा है परिषद् की वर्तमान नेतृत्व परिषद् के कार्यों को और अधिक ऊर्जा के साथ बढ़ाकर परम वैभव के लक्ष्य तक पहुंचायेगा। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के मनोगत उपरांत अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस. अपने वर्तमान टोली ( वर्ष 2019 -20) की घोषणा की ।  राष्ट्रीय चौहान ने सुनील जी और रघुनंदन जी का आशीर्वाद लिया और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने की बात कही।

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