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निर्भया के बलात्कारियों व‌ हत्यारों की फांसी की सज़ा के विरुद्ध खड़ा होना दुर्भाग्यपूर्ण : अभाविप 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह द्वारा निर्भया के बलात्कारियों व हत्यारों की फांसी की सज़ा के खिलाफ बयान की कड़ी निंदा की है । अभाविप ने कहा है कि यह बयान एक तरह से अपराधियों के हौसले बुलंद करने जैसा है। बता दें कि निर्भया के साथ घटी जघन्य एवं क्रूर आपराधिक घटना के उपरांत पूरे देश में दुःख मिश्रित आक्रोश की सुनामी आई और उस सुनामी ने एक स्वर में निर्भया के जघन्य और क्रूरतम बलात्कार में लिप्त अपराधियों को फांसी की सज़ा देने की मांग की।

अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री विनीता ने कहा कि  कथित मानवाधिकारवादियों का इस तरह बलात्कारियों को प्रोत्साहन देने के स्थान पर महिलाओं को प्रोत्साहन देने का प्रयास करना चाहिए। आज महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना प्राथमिकता होना चाहिए। अभाविप ने बीते महीनों में देशभर में ‘मिशन‌ साहसी’ जैसे अभियान के माध्यम से लाखों छात्राओं को  आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया, जिससे विपरीत परिस्थिति में छात्राएं  आत्मरक्षा करने में सक्षम हों, हमें सशक्त कानून और शीघ्र न्याय करने में सक्षम न्याय व्यवस्था के साथ सुरक्षित समाज के निर्माण के लिए तेजी से प्रयास करने होंगे।

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि इंदिरा जयसिंह ने जब पूरी कानूनी प्रक्रिया के दौरान पीड़ित पक्ष की कोई सहायता नहीं की तो अपराधियों को सज़ा हो जाने पर अपराधियों की सज़ा के विपक्ष में खड़े हो जाने का क्या अर्थ है? ऐसे वामपंथी मानवाधिकारवादियों का मानवता के विरुद्ध में खड़े होना इनके मानवाधिकारवादी होने पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। निर्भया के बलात्कारियों को सज़ा जल्द से जल्द मिलें और निर्भया को न्याय मिले।

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