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देश में नशे के विषय में हो व्यापक बहस: अभाविप

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि फ़िल्म जगत से लेकर शैक्षणिक परिसरों में नशे पर लगे तुरंत रोक लगे
छात्रशक्ति डेस्क

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला राष्ट्र भारत, युवाओं में नशाखोरी एवं ड्रग्स के सेवन की समस्या सामने आ रही है। नशीले तत्वों का दंश देश के शिक्षा परिसरों पर भी हावी है। इसे बढ़ावा देने में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक बड़ा हाथ देश के मनोरंजन उद्योग का भी रहा है। सितारों द्वारा नशे के सेवन को “कूल” एवं स्वच्छंदता के प्रतीक की तरह फिल्मों, गानों, टीवी एवं वेब सीरीजों में दिखाए जाना एवं अपने निजी जीवन में भी ऐसे मादक पदार्थों का सेवन युवा वर्ग के सम्मुख एक आभासीय प्रतिष्ठा का गलत उदाहरण पेश करता है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मानती है कि नशाखोरी परिसर संस्कृति को भंग करने वाली एवं युवाओं में ही नहीं अपितु पूरे परिवार में अशान्ति का कारक बनती है। नशीली दवाइयों का सेवन प्राणघातक तक साबित होता है जो देश के भविष्य पर कुठाराघात है।

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “मेरा इस देश के युवाओं से आवाह्न है कि वो सही आदर्श चुनें एवं ‘नशा मुक्त पर्यावरण युक्त स्वस्थ भारत’ बनाने की दिशा में कार्य करें। समाज के सभी वर्गों को आगे आना चाहिए और व्यापक चर्चा करनी चाहिये कि नशाखोरी किस प्रकार शारीरिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक जीवन के लिए नुकसानदायक है। सिनेमा की ज़िम्मेदारी समाज को दिशा देने की भी है। नशे के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रचार के लिये फ़िल्म जगत से जुड़ा समुदाय भी ज़िम्मेदार है। सिनेमा जगत को तय करना होगा की वे समाज के सामने प्रेरणादायी छाप छोड़े।”

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राष्ट्रीय मंत्री अनिकेत ओव्हाल ने मुंबई में चल रहे प्रकरण में कहा कि, “सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जाँच करते हुए मुम्बई फ़िल्म जगत के अंदर जिस प्रकार नशे का पूरा नेक्सस सामने आ रहा है उसकी समुचित जाँच होनी चाहिए तथा नशे के इस कारोबार के फलने-फूलने के लिए जिम्मेदार सभी दोषियों पर उचित करवाई होनी चाहिए।”

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