पटना। ‘लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ पंक्ति आज चरितार्थ होते दिख रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बिहार प्रांत के द्वारा फरवरी में एक ऐसे व्यक्ति के ऊपर भ्रष्टाचार की ऊंगली उठाई गई थी, जिस पर कार्यवाही होने का विश्वास, बहुत कम ही लोगों को था। दरअसल, फरवरी 2021 में अभाविप कार्यकर्ता सूर्य कुमार के द्वारा मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर डिग्री प्रिटिंग, कॉपी व अन्य सामग्री के खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। अभाविप के इस शिकायत पर गया में बुधवार को सुबह – सुबह मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की गई। बता दें कि इस मामले को लेकर अदालत द्वारा सर्च वारंट जारी किया गया था। जानकारी के मुताबिक मगध विश्वविद्यालय स्थित कुलपति कार्यालय में छापेमारी के दौरान वहां रह रहे सभी कर्मियों के मोबाईल भी जब्त कर लिए गए। साथ ही, कार्यालय से किसी को बाहर जाने/आने पर रोक लगा दी गई। विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला मौका है, जब पद पर रहते हुए किसी कुलपति पर इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है।
क्या है मामला ?
फरवरी 2021 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बिहार के कार्यकर्ता सूर्य कुमार द्वारा मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र प्रसाद के विरूद्ध राजभवन व सरकार को शिकायत पत्र भेजा और पीआईएल दायर किया गया था। आरोप लगाया कि कुलपति ने बिना संविदा प्रकाशित किए 15 लाख उत्तर पुस्तिका क्रय किया है, जबकि जेम के माध्यम से क्रय करने का प्रावधान है। इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पहले कुलपति के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर किया गया। स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने मुक़दमा (संख्या 2/2021) दर्ज किया है। दर्ज मुकदमें में मगल विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद, निजी सचिव सुबोध कुमार समेत एक अन्य व्यक्ति का नाम शामिल है। इसके अलावा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति जितेन्द्र कुमार व अन्य के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद कुलपति के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई है।
कुलपति के गोरखपुर आवास से मिले 95 लाख
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दैनिक जागरण के एक रिपोर्ट के मुताबिक मगध विवि के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद के गोरखपुर आवास से विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने और 25 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। राजेंद्र प्रसाद के कारनामों के बाद बुधवार को एसवीयू ने इसके बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक के ठिकानों पर छापा मारा था। रात नौ बजे तक एसवीयू ने 70 लाख रुपये नकद के साथ 15 लाख रुपये के जेवरात, पांच लाख रुपये की विदेशी मुद्रा के साथ एक करोड़ रुपये के जमीन-मकान के दस्तावेज बरामद किए थे। एसवीयू सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि कुलपति के गोरखपुर स्थित आवास से देर रात और 25 लाख रुपये नकद एसवीयू के हाथ लगे। इसके साथ नकद राशि बढ़कर 95 लाख रुपये हो गई है। कुलपति के खिलाफ अभी जांच जारी है। निगरानी को उम्मीद है कि अभी कुलपति से पूछताछ में और कई अहम जानकारियां और सुराग मिल सकते हैं।