उच्च शिक्षण क्षेत्र में आ रही समस्याओं के संबंध में अभाविप के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रो जगदीश कुमार जी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इनमें प्रवेश,परीक्षा, परिणाम, शोधवृत्ति सहित छात्रवृत्ति से संबंधित विषयों को भी प्रमुखता से आयोग के समक्ष रख गया।
विदित हो कि पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों को मिलने वाली ईशान्य उदय छात्रवृत्ति गत 2 वर्षों से नहीं मिओ पाई है तथा जनजातीय छात्रों को मिलने वाली पोस्ट डॉक्टरल शोधवृत्ति बंद करने की समस्याओं को प्रतिनोधिमंडल द्वारा प्रमुखता से रेखांकित किया गया। नॉन नेट शोधवृत्ति को 8000 से बढ़ाकर 15000 करने तथा लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि करते हुए राज्य विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को भी नॉन नेट शोधवृत्ति देने, यूजीसी 2018 के सर्कुलर के माध्यम से यूजीसी केयर लिस्ट से बाहर की गई पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों को वर्तमान में मान्यता देने, राज्य विश्वविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण हेतु धनराशि देने, शोध में प्रवेश लेने हेतु 70 अंक की लिखित परीक्षा को 90 अंक की करने तथा 30 अंक के साक्षात्कार को 10 अंक का करने, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त प्राध्यापकों के पदों को शीघ्र ही भरने संबंधी आदि विषयों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन के सामने रख गया। प्रतिनिधिमंडल ने इन सभी समस्याओं का यथाशीघ्र संभव निदान करने का आग्रह किया।
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “अभाविप सदैव से ही शिक्षण क्षेत्र की सभी समस्याओं के निवारण हेतु प्रयासरत रहता है। हमारा हमेशा यह प्रयास होता है कि शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने में, हमारा एक सकारात्मक योगदान हो। वर्तमान में, उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों द्वारा, छात्रवृत्ति समेत अन्य विषयों पर काफ़ी समस्याओं का सामना किया जा रहा था, जिसका संज्ञान लेते हुए, अभाविप के प्रतिनिधिमंडल द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन को ज्ञापन सौंपा गया। हमें पूर्ण विश्वास है कि सभी विषयों पर ध्यान देते हुए, इनके निदान की दिशा में, कदम बढ़ाए जाएंगे।”