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संघर्षों की भट्ठी में तपकर निकले नायकों पर आधारित पुस्तक ‘हमारा जीवन हमारी यादें’ का लोकार्पण

अजीत कुमार सिंह

मंगलवार को नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में रामानंद द्वारा संपादित ‘हमारा जीवन हमारी यादें’ पुस्तक का विमोचन केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल द्वारा किया गया, यह पुस्तक राजकमल प्रकाशन,नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया है।

सामान्य परिस्थितियों में असामान्य जिजीविषा रखने वाले नायकों की कहानी

राजकमल प्रकाशन की 136 पन्नों वाली रामानंद द्वारा संपादिक पुस्तक ‘हमारा जीवन हमारी यादें’ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे चार सामान्य पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले असमान्य व्यक्तित्व की कहानियों को बयां करती है। पुस्तक में सामाजिक समूहों के चार व्यक्तित्वों आशा लकड़ा, स्वर्गीय अनिकेत, कलीराम, धनराज के विषम परिस्थितियों तथा निरंतर संघर्ष में तपकर आगे बढ़ने की गाथा को बेहद रचनात्मक तथा सरल ढंग से प्रस्तुत की गई है। सामान्य परिस्थितियों में असामान्य जिजीविषा लिए कलीराम,आशा लकड़ा,अनिकेत तथा धनराज ने कैसे अपने आसपास के लोगों को प्रेरित किया तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ऐसे नायकों के निर्माण यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका को यह पुस्तक रेखांकित करती है‌।

द्वेष भावना से नहीं, देश भावना से समाज को जोड़ता है संघ : सुनील आंबेकर

पुस्तक लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि हमारा जीवन हमारी यादें पुस्तक के नायक हमारे आसपास हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद या संघ का विचार सोच को व्यापक बनाता है। वह व्यक्तियों को द्वेष से नहीं, देश प्रेम से भर देता है, और अपनी ही व्यवस्था में कार्यकर्ता बनाके नहीं रखता है, बल्कि देश सेवा और व्यक्तिगत जीवन में भी आगे बढ़ने का मौका देता है और देश सेवा के लिए प्रेरित करता है। इस यात्रा में लोग इतने मजबूत हो जाते हैं कि जीवन में अगर कोई संकट आता है तो, वे अपना रास्ता खुद निकालते हैं। ये उन परिस्थितियों के दबाव के शिकार नहीं बनते हैं तो और वे परिस्थितियों के दबाव में नकारात्मक न होकर सकारात्मक रास्ता चुनते हैं। यह पुस्तक बहुत सुंदर ढंग से उपर्युक्त विचार को प्रस्तुत करती है।

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लोगों के दिलों को जोड़ने से आता है परिवर्तन : भूपेन्द्र यादव

पुस्तक लोकार्पण समारोह के दौरान अपने संबोधन में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि हम सभी कहानियों के संसार में रहते हैं, प्रत्येक कहानी का उद्देश्य होता है। इस पुस्तक में प्रस्तुत कहानियों में केवल घटनाओं का नहीं बल्कि वातावरण का भी बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुतीकरण हुआ है। यह पुस्तक समाज के विभिन्न मर्मस्पर्शी पक्षों को समेटे हुए है, कहानी के नायकों की सफलता को ‘हमारा जीवन-हमारी यादें’ पुस्तक बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भाव भाषणों से नहीं आता, सभी को हृदय में जगह देने से आता है। परिवर्तन लोगों की दिलों को जोड़ने से आती है। यह पुस्तक इसी भाव की सुंदर अभिव्यक्ति है। भगवान बुद्ध और संघ के विचार एक है।

साधारण लोगों के असाधारण कार्यों का दस्तावेज है यह पुस्तक : हर्ष चौहान

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान ने कहा कि यह पुस्तक केवल कार्यकर्ताओं के जीवन को प्रस्तुत नहीं करती, बल्कि साधारण लोग असाधारण काम कैसे करते हैं उसका दस्तावेज भी है। ऐसी कहानियों से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी, यह पुस्तक जो पढ़ेगा, उसके भीतर यह आत्मविश्वास जागृत करेगी कि हम भी बेहतर कर सकेंगे। अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. यशवंत राव केलकर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केलकर जी के योगदान एवं उनके विचारों से परिषद कार्यकर्ता परिचित हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सांस्थानिक स्मृतियों को बहुत ही शिद्दत के साथ सहेजा जाता है। यह पुस्तक कार्यकर्ताओं को अभाविप जैसे संगठन के बारे में जुड़ने पर उठने वाले नए प्रश्न का उत्तर देगी।

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युवाओं को दिशा दिखाने का काम करेगी यह पुस्तक :  याज्ञवल्क्य शुक्ल

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि छोटे – छोटे संकटों से टूटकर बिखरने वाले युवाओं को दिशा दिखाने वाली कहानियां इस पुस्तक में हैं। यह ऐसी जीवंत गाथा है जो अभाव में प्रभाव डालने का कार्य करती है, जिसे संकलित करने का प्रयास है।

ऐसी कहानियां सामने आती रहेगी : रामानंद

हमारी जीवन हमारी यादें पुस्तक के संपादक रामानंद ने कहा कि चार कहानियों के नायक दिखने में सहज-सरल हैं लेकिन प्रेरणास्रोत हैं। इस पुस्तक के माध्यम से यह पहला प्रयोग है। आगे भी इस प्रकार की कहानियां सामने आती रहेगी।

पुस्तक लोकार्पण समारोह में विद्या भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के. एन. रघुनंदन, अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत, राष्ट्रीय छात्रा प्रमुख मनु शर्मा कटारिया, अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री सह मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

 

 

 

 

 

 

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