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छात्रसंघ चुनाव के पहले ही जेएनयू चुनाव आयोग नियुक्ति पर अभाविप ने खड़े किए प्रश्न, दिया धरना

छात्रशक्ति डेस्क

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में होने वाले छात्रसंघ चुनाव से पहले ही चुनाव आयोग की नियुक्ति पर प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव आयोग पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि वामपन्थी छात्र संगठनों और डीन ऑफ़ स्टूडेंट मनुराधा चौधरी का ठगबंधन सामने आया है। जेएनयू में वामपन्थ और डीन ऑफ़ स्टूडेंट मनुराधा चौधरी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं चाह रहे हैं और इन दोनों के मिली-भगत से चुनाव आयोग की प्रक्रिया में पूरी तरह से धाँधली हो‌ रही है। चुनाव आयोग में वामपंथियों ने अपने कार्यकर्ताओं को डाला है ताकि वे लोग अपनी मनमानी से चुनाव में धांधली कर सकें। इस पूरे प्रक्रिया में वामपंथियों को मनुराधा चौधरी का मौन समर्थन भी प्राप्त है। जेएनयू के आम छात्रों ने भी चुनाव आयोग सदस्यों के चुनाव के समय खूब प्रश्न चिन्ह खड़े किए थे। वामपंथियों के इस चुनाव आयोग में धांधली करने पर अभाविप एवं अन्य जेएनयू छात्रों द्वारा आपत्तियां किए जाने के बाद भी डीन ऑफ़ स्टूडेंट ने इस चुनाव आयोग को वैधता दी है, जिसका अभाविप खुल कर विरोध कर रही है। इस संबंध में आज अभाविप ने डीन ऑफ स्टूडेंट्स का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया।

जेएनयू में छात्र संघ चुनाव से पहले चुनाव आयोग की नियुक्ति होती है, जिसमें सभी छात्र संगठनों की सहमति होती है। इस हेतु कोई भी आपत्ति होने पर ग्रेवेंस रिड्रेसल कमेटी का निर्माण होता है, जो इस बार चुनाव समिति हेतु जीबीएम पूरी कराए जाने के बाद बनाई गई जो की नियम से बहुत देरी से बनी है। लेकिन इस बार के चुनाव आयोग की प्रक्रिया में वामपंथियों ने बस अपने लोगों को चुनाव आयोग में डाला जिससे ये चुनाव प्रक्रिया को अपने हिसाब से चला पाएँ, जो पूरी तरह से असंवैधानिक है। भाषा विज्ञान संस्थान में जीबीएम के दौरान धांधली के चलते आम छात्रों द्वारा 6 के स्थान पर 2 चुनाव समिति सदस्यों पर ही सहमति बन पाई थी। परंतु चुनाव समिति की जब घोषणा हुई तब वहां 2 के स्थान पर 6 सदस्यों की घोषणा हो गई, जिनमें से 4 सदस्यों के नाम वामपंथियों द्वारा अपने मन से डाल लिए गए। एबीवीपी और आम छात्रों द्वारा लिखित आपत्ति जताए जाने के बाद भी लिस्ट को डीन ऑफ स्टूडेंट द्वारा पास कर दिया गया।इसी प्रकार कई अन्य संस्थानों में भी धांधली की गई है। इसके चलते आज एबीवीपी ने डीन ऑफ स्टूडेंट्स (DOS) का घेराव किया और इस संबंध में मांग रखी। परंतु डीओएस आपत्तियों के संबंध में कुछ भी उत्तर देने में समर्थ नहीं दिखी, जिसको लेकर अभी रात 8 बजे तक भी अभाविप का प्रदर्शन एवं डीओएस घेराव जारी है।

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अभाविप जेएनयू अध्यक्ष उमेश अजमीरा ने कहा, “चुनाव आयोग की नियुक्ति में धाँधली की गई है। वामपंथियों द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में डालकर चुनाव प्रक्रिया को अपमानित किया गया है। हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग को स्पष्टता और निष्क्रियता के साथ काम करना चाहिए, ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई भ्रष्टाचार नहीं हो। अभाविप द्वारा लिखित आपत्ति दिए जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। अभाविप निष्पक्ष चुनाव आयोग के साथ चुनाव प्रक्रिया को शीघ्र आगे बढ़ने के मांग जेएनयू प्रशासन से करता है ”

अभाविप जेएनयू के इकाई मंत्री विकास पटेल ने इस विवादित निर्णय का विरोध करते हुए कहा, ” डीन ऑफ स्टूडेंट मनुराधा चौधरी के मौन समर्थन से वामपंथियों ने चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है। इस तरह की असंवैधानिक नियुक्ति चुनाव प्रक्रिया को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। हम जेएनयू छात्रसंघ के चुनाव में निष्पक्षता और स्वतंत्रता की मांग करते हैं।”

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