अमर बलिदानी शंकर शाह और रघुनाथ शाह
1857 की क्रान्ति रूपी हवनकुंड में यूँ तो अनगिनत लोगों ने अपने प्राणों की आहुतियां दी, लेकिन कुछ लोगों के बलिदान की तपिश ने सम्पूर्ण जन समूह में ‘स्व’ की भावना को गति प्रदान की। उनमें से एक थी पिता-पुत...
1857 की क्रान्ति रूपी हवनकुंड में यूँ तो अनगिनत लोगों ने अपने प्राणों की आहुतियां दी, लेकिन कुछ लोगों के बलिदान की तपिश ने सम्पूर्ण जन समूह में ‘स्व’ की भावना को गति प्रदान की। उनमें से एक थी पिता-पुत...
©2020 ALL RIGHTS RESERVED