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जालियांवाला बाग नरसंहार की अनकही दास्तां

जलियांवाला बाग नरसंहार  शताब्दी वर्ष पर शहीदों को सत सत वंदन “जलियांवाला बाग ये देखो यहां चली थी गोलियां , यह मत पूछो किसने खेली यहां खून की होलियां । एक तरफ बंदूके दन दन एक तरफ की टोलियां, मरने...

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