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न पुरूष, न महिला बल्कि परिषद का एक कार्यकर्ता राष्ट्रीय महामंत्री बना है : निधि त्रिपाठी

आगरा में चल रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 65 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन महामंत्री प्रतिवेदन के बाद अभाविप के निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. डी. के. शाही ने वर्ष 2019 – 2020 के लिए डॉ. एस. सुबैय्या को राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं निधि त्रिपाठी को राष्ट्रीय महामंत्री घोषित किया, उसके बाद दोनों को मंच पर आमंत्रित किया । निधि त्रिपाठी के घोषणा होने के बाद कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक था । ढ़ोल – नगाड़ों के साथ भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगाने लगे । पूरा पंडाल भारत माता  की जय के नारों से गूंज उठा । निधि को कार्यकर्ताओं को कंधे पर बैठाकर मंच के नीचे तक लाये जहां से अभाविप पदाधिकारियों ने मंच तक ले गये ।

निधि त्रिपाठी ने सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे याद है मैं पंडाल के अंतिम कतार में बैठकर आपकी तरह नारे लगाती थी । यह विद्यार्थी परिषद् ही जो अंतिम कतार में बैठने वाले कार्यकर्ता को राष्ट्रीय महामंत्री को बनाती है । उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं विद्यार्थी परिषद् ने पहली बार किसी महिला को राष्ट्रीय महामंत्री बनाकर इतिहास रच दिया है । मैं उनको बताना चाहती हूं कि न पुरूष महामंत्री बना है और न महिला महामंत्री बनी है यहां तो सिर्फ एक कार्यकर्ता महामंत्री बनी है। जहां तक बात इतिहास बनाने की है तो मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता इतिहास में नहीं जीते बल्कि इतिहास बनाते हैं ।

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