e-Magazine

दिल्ली के निजी स्कूलों द्वारा आरक्षित सीटों पर छात्रों को प्रवेश ना देना दुर्भाग्यपूर्ण : अभाविप

छात्रशक्ति डेस्क

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि दिल्ली के निजी स्कूल आर्थिक रूप से पिछड़े, वंचित समूह तथा दिव्यांग श्रेणी के छात्रों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत कोटा के अंतर्गत छात्रों को शीघ्र अतिशीघ्र दाखिला दे। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के चलते दिल्ली के सैकड़ों छात्र शिक्षा से वंचित होने की कगार पर हैं।

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय राजधानी के 1,700 से अधिक निजी स्कूलों में आर्थिक रुप से पिछड़ा वर्ग, वंचित समूह और दिव्यांग श्रेणी के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर प्रतिवर्ष शिक्षा निदेशालय दाखिला प्रक्रिया शुरू करता है। इसके तहत निदेशालय कंप्यूटराइज्ड ड्रा आयोजित कर के अलग-अलग निजी स्कूलों में छात्रों को सीट आवंटित करता है, लेकिन हर बार निजी स्कूलों की मनमानी के कारण हजारों छात्र दाखिले से वंचित रह जाते हैं जिससे इन छात्रों का साल खराब होता है, और उनके शैक्षिक भविष्य पर संकट खड़ा होता है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि,” दिल्ली के स्कूलों की यह मनमानी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण तथा छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली है। अभाविप शिक्षा का व्यापारीकरण और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कदापि स्वीकार नहीं करेगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली के निजी स्कूलों के प्रशासन से मांग करती है कि वंचित छात्रों के लिए निर्धारित सीटों पर जल्द से जल्द प्रवेश दे, यह उनकी जिम्मेदारी है तथा दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस प्रकार की कोई भी समस्या आती है तो उस पर संज्ञान लेकर उनपर तत्काल कार्रवाई हो।”

READ  Investigate TMCP’s Role in Vidyasagar College Hooliganism Incident: ABVP
×
shares