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न्यायालय से परिषद कार्यकर्ताओं को मिली जमानत, अभाविप ने कहा यादवपुर विश्वविद्यालय मामले में न्याय की मांग रहेगी जारी

छात्रशक्ति डेस्क

कोलकाता में बीते शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल के नेतृत्व में यादवपुर विश्वविद्यालय रैगिंग मामले में न्याय की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे महामंत्री समेत गिरफ्तार किए गए सभी अभाविप कार्यकर्ताओं को न्यायालय ने जमानत दे दी है। अभाविप ने कहा है कि यादवपुर विश्वविद्यालय रैगिंग मामले में जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल की सरकार छात्र-छात्राओं को न्याय देने के स्थान पर राजनीति करते हुए न्यायिक हिरासत की मांग कर रही थी, उसको न्यायालय द्वारा नकार दिया गया है, यह आम छात्र-छात्राओं की बड़ी जीत है तथा पश्चिम बंगाल की अधिनायकवादी सरकार को कड़ा जवाब है। शुक्रवार को गिरफ्तार हुए अभाविप कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने हिरासत अवधि में यातनापूर्ण व्यवहार किया,यह अत्यंत निंदनीय तथा दुर्भाग्यपूर्ण है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में शुक्रवार को ‘यादवपुर विश्वविद्यालय बचाओ’  शांतिपूर्ण रैली द्वारा यादवपुर विश्वविद्यालय में नाबालिग छात्र की रैगिंग के बाद मृत्यु मामले में शीघ्र कार्रवाई व ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की जा रही थी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार, राज्य के विश्वविद्यालयों में कानून-व्यवस्था की लचर हालत की पोल खुलने के कारण अभाविप प्रदर्शन में शामिल छात्र-छात्राओं के साथ अत्यन्त निम्नस्तरीय राजनीतिक करते हुए बदला लेने की भावना पर उतर आई। अभाविप के शुक्रवार को कोलकाता में हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय मंत्री बिराज विश्वास सहित छात्र-छात्राओं को गिरफ्तार कर उनपर मुकदमा दर्ज किया गया। राज्य सरकार की यह कार्रवाई राजनीति प्रेरित है, लेकिन इससे वह सरकार की विफलताओं के विरोध में उठ रही आवाज़ को दबा नहीं पाएगी‌।

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‘यादवपुर विश्वविद्यालय बचाओ’ रैली में शामिल युवाओं पर पुलिसिया बर्बरता के साथ ही साथ पूरी तृणमूल कांग्रेस की प्रोपेगंडा मशीनरी रैली से डरकर झूठे तथा आधारहीन आरोप लगा रही है, रैली में कुछ अवांछित तत्वों द्वारा लगाए गए नारों की आड़ में पूरी रैली को बदनाम करने की असफल कोशिशें भी हुईं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस संबंध स्पष्ट करना चाहती है कि रैली में अभाविप पदाधिकारियों तथा मुख्य वक्ताओं ने रैगिंग के कारण मारे गए छात्र के लिए न्याय की मांग की, यही रैली का मुख्य स्वर था। किसी भी प्रोपेगंडा द्वारा अभाविप की रैगिंग विरोध में उठ रही प्रबल आवाज को झुठलाना आसान नहीं है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि पश्चिम बंगाल की कुख्यात सरकार की तानाशाही से प्रदेश के विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है, प्रदेश सरकार की अक्षमता के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और आम छात्र त्रस्त है। रैगिंग के विरोध में आवाज़ उठाने वाले छात्रों पर मुकदमे कायम किए जा रहे हैं और तृणमूल कांग्रेस पूरी ताकत से प्रोपेगंडा फैलाकर अपराधों पर से ध्यान भटकाना चाह रही। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में यादवपुर विश्वविद्यालय की घटना के विरोध में प्रदर्शन करेगी और ममता बनर्जी की अधिनायकवादी व छात्र विरोधी सरकार का चरित्र उजागर करेगी। वर्तमान में पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक प्रदर्शन करना अपराध घोषित हो चुका है। अभाविप के‌ शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस की दमनकारी कार्रवाई से रैगिंग के विरोध में उठने वाली आवाज को कमजोर नहीं किया जा सकता। न्यायिक हिरासत की मांग को नकार कर न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की तानाशाह सरकार को कड़ा संदेश दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जादवपुर विश्वविद्यालय घटना मामले में न्याय मिलने तक अपना लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रखेगी।

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