e-Magazine

छात्रशक्ति नवंबर 2020

छात्रशक्ति नवम्बर 2020

वर्ष 2020 की शुरुआत ही आशंका के साथ हुई। विश्व के अनेक देश कोरोना के साये में आ चुके थे और भारत पर भी उसका खतरा मंडरा रहा था। केन्द्र सरकार ने सुरक्षात्मक पहल करते हुए लॉकडाउन किया तो उम्मीद थी कि तीन सप्ताह बाद यह खतरा काफी कम हो चुका होगा। किन्तु ऐसा नहीं हुआ। रोग बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की।

सही समय पर सही निर्णय लेकर भारत ने लाखों जीवन बचा लिये। यदि लॉकडाउन की श्रंखला न लागू की गयी होती तो शायद स्थिति इससे बहुत अधिक भयावह होती। कुछ महीनों के लिये देश में सब कुछ ठहर सा गया। साथ ही ठहर गयी आपकी प्रिय पत्रिका ‘छात्रशक्ति’ भी। छापाखाने भी बंद थे और डाक व्यवस्था भी। न प्रकाशन संभव था और न ही वितरण। ऐसे में कुछ समय के लिये ‘छात्रशक्ति’ का प्रकाशन रोकना अनिवार्य हो गया था।

पत्रिका रूप में ‘छात्रशक्ति’ के अभाव को ऑनलाइन सामग्री द्वारा पूरा करने के किंचित प्रयास किये गये। ‘छात्रशक्ति’ की वेबसाइट पर अद्यतन समाचार और आलेख देकर जिज्ञासा समाधान के प्रयास भी हुए किन्तु अभ्यस्त आंखें इसे पत्रिका के कलेवर में देखना चाहती हैं, यह भी निश्चित ही है।

वैश्विक महामारी के इस दौर में भी दुनियाँ के अनेक देशों में आतंक का कहर बरसा। फ्रांस और ऑस्ट्रिया इसके उदाहरण हैं। कोरोना की दूसरी लहर और एक बार फिर लॉकडाउन के शिकंजे में फंसी दुनियां को चौपट होती अर्थव्यवस्था के बीच हिंसक प्रवृत्तियों सं खुद को बचाने की दोहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है।

भारत में पहले से जारी शाहीन बाग और उसके बाद देश की विभाजनकारी शक्तियों ने साम्प्रदायिक और जातिगत विद्वेश की खाई को और चौड़ा करने में कोई कसर नहीं उठा रखी। आज भी यह जारी है। विडम्बना है कि दलगत लाभ के लिये राजनैतिक दलों ने भी इन शक्तियों के साथ गठजोड़ कर लिया है जो देश में सदभाव के लिये बड़ी चुनौती है।

See also  छात्रशक्ति जनवरी 2024

यह संतोष का विषय है कि कोविड 19 पर समय रहते प्रभावी नियंत्रण और देश के नागरिकों द्वारा कठिनाइयों के बावजूद इस संकट की घड़ी में नेतृत्व के प्रति व्यक्त किये गये विश्वास ने भारत को इससे उबरने और आगे बढ़ने का हौंसला दिया है। हमेशा की तरह, विपरीत परिस्थिति को मात देकर भारत एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है। विकास की यात्रा पर बढ़ चला है। सभी क्षेत्रों में गतिविधियाँ शुरू हो गयी हैं।

परिषद भी सदैव की भांति चुनौती के इस संकट के समय में अपने सेवाकार्य द्वारा तथा बस्तियों में स्कूली बच्चों की शिक्षा द्वारा अपनी भूमिका निर्वाह करती रही। अगले चरण के रूप में, पुरानी भूमिका को फिर से प्रारंभ करने के निश्चय के प्रतिफल के रूप में छात्रशक्ति का यह अंक आपके समक्ष प्रस्तुत है।

दीपावली की हार्दिक शुभकामना सहित,

आपका

संपादक

×
shares