e-Magazine

छात्रशक्ति जुलाई 2023

संपादकीय

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपनी यात्रा का एक पड़ाव और पार कर लिया। स्वतंत्रता के तुरंत बाद राष्ट्रीय विचार से ओत-प्रोत देश के छात्र-युवाओं की पहल पर अभाविप का कार्य तो प्रारंभ हो गया था, किन्तु उसे संवैधानिक रूप देकर पंजीकृत कराने का काम 9 जुलाई 1949 को हुआ। इसे ही परिषद अपने स्थापना दिवस के रूप में मनाती है। 9 जुलाई 2023 को इसने अपने अमृतकाल में प्रवेश किया है।
एक दृष्टि से देखें तो परिषद की यह 75 वर्षों की यात्रा स्वाधीन भारत की यात्रा के साथ-साथ चली है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राष्ट्रीय विचार के आग्रही प्रतिपादन तथा समसामयिक प्रश्नों पर सुविचारित मत को दृढ़ता के साथ रखने की विशिष्ट कार्यपद्धति के कारण परिषद को जहां अनेक बार कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, वहीं इस कठिन समय में बिना किसी समझौते के सिद्धांतों पर डटे रहने के स्वभाव के कारण यश भी प्राप्त हुआ है।
‘छात्रशक्ति-राष्ट्रशक्ति’ एवं ‘आज का छात्र-आज का नागरिक’ जैसी स्थापनाएं अभाविप को अन्य पेशेवर छात्र संगठनों से अलग करती हैं। सेवा, समरसता और अंत्योदय जैसे शब्द जहां अन्य छात्र-संगठनों की शब्दावली में आज तक स्थान नहीं पा सके हैं, वहीं परिषद की पूरी कार्यपद्धति के केन्द्र में यही विचार हैं। राजनीतिक दलों के भर्ती केन्द्र के रूप में जहां अन्य छात्र-संगठन काम करते हैं, वहीं विद्यार्थी परिषद दल और सत्ता की राजनीति से परे स्वयंपूर्ण, स्वायत्त, स्वावलम्बी संगठन के रूप में उभरा है।
निरंतर बदलती कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों को इन विशेषताओं और मूल्यों के साथ संकल्पबद्ध करते हुए एक स्थायी संगठन को गढ़ने के काम में असंख्य कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन खपाया है। अमृतकाल में प्रवेश के अवसर पर उन समस्त कार्यकर्ताओं के प्रति श्रद्धानत होना स्वाभाविक ही है। इन कर्मयोगियों का स्पर्श पाकर कुन्दन बने सहस्रों कार्यकर्ता संगठन की कार्यकर्ता निर्माण की प्रकिया से गुजर कर नेतृत्व का गुण और संगठन कौशल प्राप्त कर आज समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में अपना स्थान बनाने में सफल हुए हैं। व्यक्तिगत उपलब्धियों के साथ ही वे कार्यकर्ताओं की आने वाली पीढ़ियों के लिये एक आदर्श रखने में भी सफल हुए हैं।
संगठन के वर्तमान पीढी के कार्यकर्ताओं की क्षमता ही अतीत के कृतकार्यों का प्रतिबिम्ब होती है। आज यदि अभाविप विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने का दावा कर पा रही है तो इस वर्तमान पीढ़ी के बल पर ही, जिसने निरंतरता को बनाए रखा और जो शताब्दी के संकल्प के साथ आने वाले वर्षों के लिये अपने लक्ष्य निर्धारित करेगी।
अमृत महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
आपका
संपादक

READ  छात्रशक्ति अगस्त 2023
×
shares