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अजीत कुमार सिंह

पुस्तक समीक्षा : पराक्रम

वैसे तो सैनिकों के संघर्ष के बारे में बहुत समय से सुनता,समझता आया हूँ,कई घटनाओं ने प्रेरणा दी तो साथ ही ऊर्जा भी। “पराक्रम” में ऐसी ही प्रेरक घटनाओं का मानो लेखक ने सजीव चित्रण कर दिया है।...

 कोरोना महामारी – चुनौती के साथ सुअवसर

पूरी दुनिया आज कोरोना वायरस की चपेट में है, अमरीका, इटली, स्पेन जैसे कई विकसित देशों की अर्थव्यवस्था व स्वास्थ्य व्यवस्था का ढांचा इस महामारी से लड़ने में ध्वस्त हो गया है। इसी बीच वैश्विक मीडिया समेत...

COVID 19 & IT’S APPREHENSION

Hope you are all fine and pray to God for every body’s good health. We are into an unprecedented difficulties following the early 14th century, fighting with epidemics like cholera, yellow fever and m...

शांति का राजमार्ग – सेवा

पूज्य स्वामी गोविंददेव गिरिजी महाराज द्वारा प्रतिपादित वाग्यज्ञ सार आदर्श सेवाव्रति राष्ट्रसंत गाडगेबाबा, तुकडोजी महाराज, भगवान बुद्ध आदि  अनेक सेवाव्रतिओं के मूर्तीमंत उदाहरण हमारे सम्मुख है। मात्र स...

पुस्तक समीक्षा : सामाजिक समरसता और हिन्दुत्व

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक रहे बालासाहब देवरस जी के भाषणों का समायोजन इस पुस्तक में किया हुआ है। यह भाषण “सामाजिक समरसता और हिन्दू संगठन” विषय पर 8 मई 1974 को दिया गया था। इस पुस...

पुस्तक समीक्षा :  बदलते समय में ‘हिंदुत्व’ का सही अर्थ

‘हिंदू राष्ट्र’ के निर्माण के बारे में की जाने वाली आलोचनाओं से प्रभावित हुए बिना आरएसएस अपनी इस अवधारणा पर अडिग रहा है। लेकिन ‘हिंदू राष्ट्र’ की संकल्पना क्या है और ‘हिंदुत्व’ का सही अर्थ क्या है, इस...

रामलला ने स्वयं जीता है अपना मुकदमा – चंपत राय

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अवध प्रान्त द्वारा लॉक डाउन के दौरान सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रयोग द्वारा विगत कुछ दिनों में विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक, पर्यावरण, कला- लोक कला से संबंधित विषयों पर फेसबु...

शस्त्र एवं शास्त्र पर समान अधिकार रखने वाले महान पराक्रमी भगवान परशुराम

भगवान वासुदेव नारायण के छठवें अवतार परशुराम को शस्त्र एवं शास्त्र का प्रतीक माना जाता है। भगवान परशुराम का शस्त्र एवं शास्त्र पर समान रूप से अधिकार था, उनके जैसा पराक्रमी शायद ही कोई हुआ है। एक बार पि...

विद्यार्थी परिषद के प्रकाश स्तंभ प्रा. यशवंतराव केलकर

1947 के पूर्व समस्त भारतवंशियों का एकमेव कर्तव्य था विदेशी दासता की जंजीर भारत माता को आजाद करना। स्वाधीनता के पश्चात सबसे बड़ी चुनौती थी देश के युवाओं की ऊर्जा को नियोजित राष्ट्रीय पुनर्निमार्ण में ल...

भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण

परमवीर चक्र – एक ऐसा अलंकरण जिसका नाम सुनकर ही रगों में जोश और बलिदान की लहर दौड़ जाती है। यह अलंकरण दुश्मनों के समक्ष उच्च कोटि की शूरवीरता एवं त्याग के लिए हमारे रणबांकुरों को दिये जाते हैं। अ...

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