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लेख

Exploring the unexplored: The Cultural and Religious dimension of a Tribal Community

Tribal culture and religion People having little exposure to the tribal culture usually have many prior fixations and presuppositions about their culture. Such theorization devoid of practical experie...

Bhagwan Birsa Munda: The Hijacking of an Identity

There have been many iconic personalities India has produced during her fight for freedom, but among all, merely at the age of 25, Birsa Munda gained such a legendary status for the tribal community t...

जनसेवा को समर्पित भगिनी निवेदिता

” जीते तो पशु पक्षी,कीड़े मकोड़े भी है परंतु जीवन उनका धन्य है जो समाज कल्याण के लिए समर्पित है ” ऐसे ही जीवन का पर्याय भगिनी निवेदिता भी रही। भगिनी निवेदिता का जन्म आयरिश परिवार में 28 अक...

ভারতবর্ষের জন্য নিবেদিতা হুতাত্মা মার্গারেট এলিজাবেথ

আয়্যারল্যান্ডে জন্ম হলেও ভারতবর্ষের জন্য নিজের প্রাণকে আত্মোৎসর্গ করেছিলেন ভগিনী নিবেদিতা।  ভারতীয় স্বাধীনতা ও ভারতীয় সনাতনী হিন্দু ধর্মের চিন্তা চেতনায় অদ্ভূত মন্থন করে নিজেকে সমর্পণ করেছিলেন ভগিন...

ABVP: Redefining Student activism during Covid crisis

Remember those chilly winters of January and February from this year? There were so called students protesting against the CAA all across India. The travel time from Delhi to Noida and Greater Noida w...

सर्व-समावेशी और समयानुकूल है राष्ट्रीय शिक्षा नीति

भारतीय ज्ञान-परंपरा के नवसंधान द्वारा ‘भारतीय समाज का नवजागरण’ इस नीति का ध्येय है। ‘गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक सबकी पहुँच’ सुनिश्चित करना इस शिक्षा नीति की केन्द्रीय चिंता है। इक्कीसवीं सदी की आवश्...

चीनी विस्तारवाद का कीमत और अंजाम तय करता 2020 का भारत

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75 वें अधिवेशन में बोलते हुए चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि विस्तारवाद और अतिक्रमण कभी भी चीन की राष्ट्रीय भावना नहीं रही है। लेकिन उन्हें कोई याद दिलाता कि जब वे बोल रहे थे तब...

एन.एस.सी.एन. – आईएम की आड़ में चीन का भारत में हस्तक्षेप 

लम्बे समय से भारत सरकार के समक्ष नागालैंड के स्वयम्भू प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़  नागालैंड (एन०एस०सी०एन० -आईएम)) को किसी भी तरह से नागालैंड का एक मात्र प्रतिनिधि नहीं मान...

माटी का लाल: लाल बहादुर शास्त्री – एक अनुकरणीय जीवन

पूर्व प्रधानमन्त्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती विशेष भारत जैसे प्रचुर मानव सम्पदा वाले देश में जहाँ अनेकों ऐसे उदाहरण मिलते रहे हैं, जब समाज के बेहद साधारण वर्ग से अपने जीवन की शुरूआत करके किस...

गांधी और आज

गांधी की प्रासंगिकता सनातन के बारे में हमारी समझ पर निर्भर करती है। यदि सनातन की अनुभूति एवं अभिव्यक्ति को अपरिवर्तनीय, रूढ़ और ठहरा हुआ मान लिया जाए तो गांधी की प्रासंगिकता का अलग चित्र उभरेगा। इसके...

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